शेयर की मूल्य में गिरावट कई कारकों पर निर्भर करती है, और इसमें कई प्रकार के आंकड़े और प्रासंगिक घटक हो सकते हैं। यहां कुछ
कारण दिए गए हैं जिनके चलते शेयर की मूल्य में गिरावट हो सकती है :
1. बाजार संकेत : शेयरों
के मूल्य में चढ़ाव और गिरावट बाजार में हो रहे घटनाओं और आकड़ों के परिणामस्वरूप
होते हैं। बाजार में समस्याएं, ग्लोबल घटनाएं, राजनीतिक
समय के घटनाक्रम, और मार्केट सेंटिमेंट जैसे कई कारण हो सकते
हैं, जो मूल्यों में परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।
2. विशेष कंपनी या सेक्टर के प्रभाव : एक
विशेष कंपनी या सेक्टर के घटनाक्रम भी शेयर मूल्यों पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
यदि किसी कंपनी के विशेष कारणों से संकट होते हैं, तो उसके शेयर
मूल्यों में गिरावट हो सकती है।
3. लोगों का विश्वास : लोगों
के विश्वास और उम्मीदें शेयर मूल्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। यदि
निवेशक बाजार के प्रति आत्म-विश्वासी होते हैं, तो वे शेयरों को
खरीद सकते हैं, जिससे मूल्यों में चढ़ाव होता है, और उलटे हथियार जब विश्वास खोते हैं तो मूल्यों में गिरावट हो सकती है।
4. कंपनी के आर्थिक परिणाम : एक
कंपनी के आर्थिक परिणाम और लाभ-हानि रिपोर्ट्स भी शेयर मूल्यों पर बड़ा प्रभाव डाल
सकते हैं। यदि कंपनी के आर्थिक परिणाम अच्छे होते हैं, तो शेयरों के मूल्य में चढ़ाव हो सकता है, और उम्मीद
की जाती है कि वित्तीय प्रदर्शन आगे भी अच्छा रहेगा।
5. लाभांकन के साथ निकलना : निवेशक
अक्सर लाभ प्राप्त करने के बाद अपने पोजिशन से बाहर निकलने के लिए अपनी हिस्सेदारी
को बेचते हैं, जिससे मूल्यों में गिरावट हो सकती है।
6. बाज़ार संविदान : शेयर
बाजार में निवेशकों की भावनाओं और अवस्थाओं का प्रभाव भी होता है। यदि बाज़ार में
संकेत मिलता है कि आर्थिक स्थिति में संविदान हो रहा है, तो शेयर की मूल्यों में गिरावट हो सकती है।
7. लिक्विडिटी का प्रभाव : शेयर
की मूल्य में गिरावट हो सकती है जब बाज़ार में कम लिक्विडिटी होती है, यानि कम वॉल्यूम और कम खरीददारों की उपस्थिति। ऐसे में, बड़े खरीददारों की जानकारी और भावनाओं का प्रभाव अधिक होता है।
8. टेक्निकल फैक्टर्स : टेक्निकल
विश्लेषण, जैसे कि चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर्स,
भी शेयर की मूल्य में गिरावट की संकेतों को प्रदर्शित कर सकते हैं
और निवेशकों के बारे में विचार किया जा सकता है।
9. वॉलेटिलिटी : शेयर
बाजार में वॉलेटिलिटी, यानि मूल्यों की अप्रत्याशित और तेज
बदलाव, भी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है जो मूल्यों को उपर
और नीचे कर सकता है।
10. मार्केट सेंटिमेंट : बाज़ार
के संविदान का प्रभाव शेयर की मूल्यों पर पड़ता है। अगर बाज़ार में लोग अधिक
पॉजिटिव हैं, तो शेयर की मूल्यें बढ़ सकती हैं,
और उम्रदराज वर्ग शेयर की खरीददारी कर सकता है।
इन सभी कारणों के साथ, शेयर बाजार
दिन-प्रतिदिन किसी भी दिशा में बदल सकता है, और यह बदलाव
विभिन्न प्राकृतिक और अर्थशास्त्रीय कारणों के परिणामस्वरूप होता है। इसलिए,
निवेश करने से पहले सावधानीपूर्वक अनुसंधान करें और अपने निवेश के
लक्ष्यों और रिस्क सहिष्णुता के साथ संबंधित हों।