Tuesday, February 16, 2016

क्या है डिजिटल इंडिया (Digital India)

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भारत को एक संपूर्ण डिजिटल देश में बदलने के लिये 1 जुलाई 2015 को भारतीय सरकार के द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की गयी। सरकारी विभागों और प्रमुख कंपनियों (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर) के एकीकरण के द्वारा डिजिटल रुप से सशक्त भारतीय समाज के लिये ये एक योजनागत पहल है। भारतीय नागरिकों के लिये आसान पहुँच पर सभी सरकारी सेवा उपलब्ध कराने के लिये इस देश का डिजाटाईजेशन करना मुख्य कारण है। इस कार्यक्रम के तीन मुख्य दृष्टिगत क्षेत्र हैं:
  • भारतीय लोगों के लिये एक जनोपयोगी सेवा की तरह पूरे देश में डिजिटल संरचना हो क्योंकि ये तेज गति की इंटरनेट पहुँच उपलब्ध करायेगा जिससे सभी सरकारी सेवा तक आसान और तेज पहुँच हो जायेगी। ये नागरिकों को जीवन पर्यन्त, अनोखा, ऑनलाईन और प्रामाणिक रुप से डिजिटल पहचान उपलब्ध करायेगा। ये किसी भी ऑनलाईन सेवा जैसे बैंक खाता संभालना, वित्त प्रबंधन, सुरक्षित और सुनिश्चित साईबर स्पेस, शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा आदि के लिये बेहद कारगर साबित होगा।
  • सुशासन की अत्यधिक माँग और ऑनलाईन सेवा डिजिटाईजेशन के द्वारा वास्तविक समय में सभी सेवाओं को उपलब्ध करायेगा। डिजिटल रुप से बदली हुई सेवा भी वित्तिय लेन-देन को आसान, इलेक्ट्रॉनिक और बिना नकद के बनाने के द्वारा ऑनलाईन व्यापार करने के लिये लोगों को बढ़ावा देगी।
  • भारतीय लोगों का डिजिटल सशक्तिकरण डिजिटल संसाधनों की वैश्विक पहुँच के द्वारा डिजिटल साक्षरता को वास्तव में मुमकिन बनाएगी। ऑनलाईन प्रमाणपत्र या जरुरी दस्तावेज़ों को जमा करने के लिये ये लोगों को सक्षम बनायेगी ना कि स्कूल, कॉलेज, कार्यालय या किसी संस्थान में भौतिक रुप से प्रस्तुति की जरुरत होगी।
इस पहल के निम्न लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के लिये भारतीय सरकार के द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को लागू किया गया है।
  • ब्रॉडबैंड हाइवे सुनिश्चित करना।
  • मोबाईल फोन के लिये वैश्विक पहुँच को सुनिश्चित करना।
  • तेज गति इंटरनेट से लोगों को सुगम बनाना।
  • डिजिटाईजेशन के माध्यम से सरकार में सुधार के द्वारा ई-गर्वनेंस लाना।
  • सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी के द्वारा ई-क्रांति लाना।
  • सभी के लिये ऑनलाईन सूचना उपलब्ध कराना।
  • ज्यादा आईटी नौकरियों को सुनिश्चित करना।