Harshad
Mehta made money in the stock market in two ways:
•
First method : By becoming a broker between two banks, Mehta used to take loan
for 15 days and raise money from the banks and then return the money to the
banks after earning profits from the stock market. In this way, they used to
borrow money from banks without interest and earn profits by investing in the
stock market.
•
Second method : Mehta created a fake
company and floated the shares of that company in the market. When the share
prices rose, Mehta sold those shares and made a profit. Later, when it was
revealed that the company was fake, share prices fell and many people suffered
losses.
These
methods of Harshad Mehta are considered fraud in the stock market. They took
advantage of many loopholes in the Indian banking system and stock market
system.
In
1992, after Harshad Mehta's stock market fraud was exposed, there was a major
decline in the Indian stock market. This decline caused losses to many people
and also had a negative impact on the Indian economy.
Here
are some specific examples of Harshad Mehta making money in the stock market :
•
In 1987, Mehta made crores of rupees by controlling the share prices of ACC.
Mehta increased the shares of ACC from Rs 200 to Rs 9000. Through this process
Mehta earned profits worth crores of rupees.
•
In 1990, Mehta invested in the stock market by taking illegal loans from banks.
Using this loan, Mehta drove up the share prices. When share prices rose, Mehta
made profits worth crores of rupees by selling them.
Harshad
Mehta scam has led to many reforms in the Indian stock market. These
improvements include:
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Strengthening regulation in the stock market.
•
Preventing banks from investing in the stock market.
•
Enacting new laws to prevent fraud in the stock market.
Harshad
Mehta's methods were illegal and harmed the stock market. But he also taught
people some important things about making money in the stock market.
•
There can be many reasons for share prices to rise and fall.
•
Before buying or selling shares, advice should be taken from a knowledgeable
person.
• The
risk should be understood while investing money in the stock market.
Harshad
Mehta was found guilty of this fraud and was sentenced to 20 years in prison.
However, he died in prison in 2001.
हर्षद मेहता ने शेयर बाजार में दो तरह
से पैसा बनाया :
·
पहला तरीका : दो बैंकों के बीच ब्रोकर बनकर मेहता 15 दिन के लिए लोन लेकर बैंकों से पैसा उठाते थे और फिर शेयर बाजार से
मुनाफा कमाकर बैंकों को पैसा लौटा देते थे। इस तरह, वे बैंकों से बिना ब्याज के पैसा उधार लेते थे और शेयर बाजार में
निवेश करके उससे मुनाफा कमाते थे।
·
दूसरा तरीका : मेहता ने एक फर्जी कंपनी बनाकर उस कंपनी के शेयरों को बाजार में
उछाल दिया। जब शेयरों की कीमतें बढ़ गईं, तो मेहता ने उन शेयरों को बेच दिया और मुनाफा कमाया। बाद में, जब यह पता चला कि कंपनी फर्जी है, तो शेयरों की कीमतें गिर गईं और कई लोगों को नुकसान हुआ।
हर्षद मेहता के इन तरीकों को शेयर बाजार में धोखाधड़ी माना जाता
है। उन्होंने भारतीय बैंकिंग प्रणाली और शेयर बाजार प्रणाली में कई खामियों का
फायदा उठाया।
1992 में, हर्षद मेहता के शेयर बाजार में
धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद, भारतीय शेयर बाजार
में एक बड़ी गिरावट आई। इस गिरावट से कई लोगों को नुकसान हुआ और भारतीय
अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
यहाँ हर्षद मेहता के शेयर बाजार में पैसा बनाने के कुछ विशिष्ट
उदाहरण दिए गए हैं :
·
1987 में, मेहता ने ACC के शेयरों की कीमतों को नियंत्रित
करके करोड़ों रुपए कमाए। मेहता ने ACC के शेयरों को 200 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये कर दिया। इस प्रक्रिया से मेहता ने करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया।
·
1990 में, मेहता ने बैंकों से अवैध रूप से ऋण लेकर शेयर बाजार में निवेश
किया। इस ऋण का उपयोग करके, मेहता ने शेयरों की कीमतों को बढ़ाया। जब शेयरों की कीमतें बढ़ीं, तो मेहता ने उन्हें बेचकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया।
हर्षद मेहता के घोटाले ने भारतीय शेयर बाजार में कई सुधार किए हैं।
इन सुधारों में शामिल हैं :
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शेयर बाजार में
विनियमन को मजबूत करना
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बैंकों को शेयर
बाजार में निवेश करने से रोकना
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शेयर बाजार में
धोखाधड़ी को रोकने के लिए नए कानूनों को लागू करना
हर्षद मेहता के तरीके गैरकानूनी थे और उन्होंने शेयर बाजार को
नुकसान पहुंचाया। लेकिन उन्होंने शेयर बाजार में पैसा बनाने के बारे में लोगों को
कुछ महत्वपूर्ण बातें भी सिखाईं।
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शेयरों की कीमतें
बढ़ने और घटने के कई कारण हो सकते हैं।
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शेयरों को खरीदने
या बेचने से पहले किसी जानकार व्यक्ति से सलाह लेना चाहिए।
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शेयर बाजार में
पैसा लगाते समय जोखिम को समझना चाहिए।
हर्षद मेहता को इस धोखाधड़ी के लिए दोषी पाया गया और उन्हें 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, 2001 में जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।